सुजलॉन शेयर प्राइस 2025 से 2035 तक
हाय दोस्तों! अगर आप शेयर बाजार में रुचि रखते हैं या सुजलॉन एनर्जी के बारे में सुनते ही आपके कान खड़े हो जाते हैं, तो ये ब्लॉग आपके लिए है। सुजलॉन एक ऐसी कंपनी है जो पिछले कुछ सालों में चर्चा में रही है—कभी अपने शेयर की शानदार तेजी के लिए, तो कभी पुराने कर्ज की वजह से। लेकिन सवाल वही है जो हर निवेशक के मन में घूमता है: “सुजलॉन का शेयर प्राइस 2025 से 2035 तक कहां पहुंचेगा?” आज हम इसे आसान और दोस्ताना अंदाज में समझेंगे। तो चाय का कप या कॉफी का मग उठाइए, और चलिए इस सफर पर निकलते हैं!

सुजलॉन एनर्जी कौन है?

सुजलॉन को समझना कोई रॉकेट साइंस नहीं है। ये कंपनी 1995 में तुलसी तांती ने शुरू की थी और आज ये भारत की सबसे बड़ी पवन ऊर्जा कंपनियों में से एक है। आसान शब्दों में कहें तो ये लोग हवा से बिजली बनाते हैं—पवन टरबाइन बनाते हैं, लगाते हैं और उनकी देखभाल करते हैं। पुणे में इसका हेड ऑफिस है, और ये सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी काम करता है।
पिछले कुछ सालों में सुजलॉन ने अपने कर्ज को कम किया है और नए-नए ऑर्डर हासिल किए हैं। इसी वजह से इसके शेयर में उछाल देखने को मिला। लेकिन क्या ये उछाल आगे भी जारी रहेगा? चलिए, पहले इसके अब तक के सफर को देखते हैं।
सुजलॉन शेयर प्राइस 2025 से 2035 तक: क्या होगा भविष्य, जानिए
सुजलॉन शेयर का अब तक का हाल-चाल
सुजलॉन का शेयर बाजार में सफर किसी फिल्म की कहानी से कम नहीं है—ड्रामा, सस्पेंस, और फिर वापसी की उम्मीद। 2008 में इसका शेयर 459 रुपये के आसमान को छू रहा था, लेकिन फिर कर्ज और मंदी ने इसे जमीन पर ला पटका। सालों तक ये 10-20 रुपये के आसपास घूमता रहा। लेकिन 2020 के बाद कहानी बदली।
- 2023: शेयर 21 रुपये से शुरू होकर 86 रुपये तक पहुंच गया।
- 2024: मार्च 2025 तक ये 50-55 रुपये के आसपास ट्रेड कर रहा है (अभी के डेटा के हिसाब से)।
- 5 साल का रिटर्न: पिछले 5 साल में इसने 2,372% से ज्यादा रिटर्न दिया है। है न कमाल?
ये तेजी इसलिए आई क्योंकि कंपनी ने अपने कर्ज को कंट्रोल किया, नए ऑर्डर लिए, और हवा से बिजली बनाने की मांग बढ़ी। लेकिन अगले 10 साल क्या होंगे? इसके लिए हमें कुछ चीजों को समझना पड़ेगा।

सुजलॉन के शेयर को क्या प्रभावित करता है?
शेयर का भविष्य कई बातों पर टिका होता है। सुजलॉन के साथ भी ऐसा ही है। चलिए इसे आसान भाषा में समझते हैं:
1. हवा से बिजली की मांग बढ़ रही है
भारत सरकार ने ठान लिया है कि 2030 तक 500 गीगावाट बिजली हवा, सूरज जैसे स्रोतों से बनानी है। इसमें सुजलॉन जैसी कंपनियों का बड़ा रोल होगा। मांग बढ़ेगी, तो काम भी बढ़ेगा।
2. कंपनी का पैसा और कर्ज
पहले सुजलॉन पर भारी कर्ज था—1938 करोड़ रुपये। लेकिन 2024 तक इसे घटाकर 150 करोड़ कर दिया। मतलब, अब कंपनी की जेब में दम है और निवेशक खुश हैं।

3. नए ऑर्डर का ढेर
सुजलॉन के पास अभी 17 गीगावाट का ऑर्डर बुक है। हाल ही में NTPC से 1,166 MW और जिंदल से 204 MW का ऑर्डर मिला। ये ऑर्डर मतलब अगले कुछ सालों तक कमाई पक्की।
4. नई टेक्नोलॉजी
सुजलॉन अब हल्के और मजबूत टरबाइन बना रहा है, जो ज्यादा बिजली देते हैं। इससे विदेशों में भी इसकी डिमांड बढ़ सकती है।
5. जोखिम भी हैं
अदानी ग्रीन और टाटा पावर जैसे बड़े नाम भी इस खेल में हैं। अगर सरकार की नीतियां बदलीं या कोई नया संकट आया, तो शेयर पर असर पड़ सकता है।
सुजलॉन शेयर प्राइस: 2025 से 2035 तक क्या हो सकता है?
अब असली सवाल का जवाब ढूंढते हैं। ये अनुमान हैं, कोई जादू की छड़ी नहीं। शेयर बाजार में कुछ भी हो सकता है, लेकिन चलिए मौजूदा हालात के आधार पर देखते हैं।
2025 तक: शुरुआती कदम
- कितना हो सकता है?: 60-88 रुपये
- क्यों?: कंपनी अपने ऑर्डर पूरे करेगी, कर्ज और कम होगा। सरकार का रिन्यूएबल एनर्जी पर जोर भी मदद करेगा। ब्रोकरेज फर्म नुवामा ने 60 रुपये का टारगेट दिया था, जो शेयर ने पहले ही छू लिया। अब 88 रुपये तक की उम्मीद है।
2030 तक: तेजी का दौर
- कितना हो सकता है?: 100-245 रुपये
- क्यों?: 2030 तक भारत में पवन ऊर्जा की मांग 100 GW तक जा सकती है। सुजलॉन की ऑर्डर बुक अभी 5.5 GW की है, और अगर ये 35-40% बाजार हासिल कर ले, तो शेयर 245 रुपये तक पहुंच सकता है। नए टरबाइन और विदेशी डील्स भी मदद करेंगे।
2035 तक: लंबी उड़ान
- कितना हो सकता है?: 165-400 रुपये
- क्यों?: 2035 तक दुनिया हरित ऊर्जा की ओर भागेगी। सुजलॉन मध्य प्रदेश और राजस्थान में नई फैक्ट्रियां लगा रहा है। अगर सब ठीक रहा, तो 400 रुपये का सपना सच हो सकता है।
साल-दर-साल का अनुमान
साल | कम से कम (रुपये) | ज्यादा से ज्यादा (रुपये) |
---|---|---|
2025 | 60 | 88 |
2026 | 80 | 120 |
2027 | 100 | 150 |
2028 | 120 | 180 |
2029 | 150 | 210 |
2030 | 215 | 245 |
2031 | 230 | 280 |
2032 | 250 | 320 |
2033 | 280 | 350 |
2034 | 300 | 375 |
2035 | 350 | 400 |
ये सिर्फ अनुमान है, बाजार की चाल पर निर्भर करता है।
सुजलॉन में पैसा लगाएं या नहीं?
ये सवाल तो हर निवेशक का है। चलिए, फायदे और नुकसान देखते हैं:
फायदे
- काम का ढेर: 5.5 GW के ऑर्डर मतलब कमाई पक्की।
- कर्ज कम: कंपनी अब पहले से मजबूत है।
- सरकार का साथ: रिन्यूएबल एनर्जी को बढ़ावा मिल रहा है।
- लंबा खेल: 10 साल में अच्छा रिटर्न मिल सकता है।
नुकसान
- दूसरे खिलाड़ी: अदानी और टाटा जैसे बड़े नाम टक्कर दे सकते हैं।
- बाजार का मिजाज: शेयर बाजार कभी भी पलट सकता है।
- पिछला रिकॉर्ड: पहले भी ये शेयर बहुत नीचे जा चुका है।
मेरा सुझाव: अगर आप 5-10 साल तक इंतजार कर सकते हैं, तो सुजलॉन में दम है। लेकिन जल्दी पैसा बनाने की सोच रहे हैं, तो थोड़ा सोच-समझकर कदम बढ़ाएं। अपने दोस्त या फाइनेंशियल एडवाइजर से भी पूछ लें।
बड़े-बड़े ब्रोकर क्या कहते हैं?
- मॉर्गन स्टेनली: “खरीदो, 71 रुपये तक जा सकता है।”
- नुवामा: “60 रुपये का टारगेट था, अब और ऊपर की उम्मीद।”
- JM फाइनेंशियल: “81 रुपये तक संभव।”
- ICICI सिक्योरिटीज: “80 रुपये तक ठीक है।”
लंबे समय में ये लोग 200-400 रुपये की बात भी कर रहे हैं।

सुजलॉन का भविष्य: अगले 10 साल
2025 तक
- ऑर्डर पूरे होंगे, शेयर में हल्की तेजी।
- उम्मीद: 60-88 रुपये।
2030 तक
- पवन ऊर्जा का बड़ा बूम।
- नई टेक्नोलॉजी और ऑर्डर से उछाल।
- उम्मीद: 215-245 रुपये।
2035 तक
- सुजलॉन ग्लोबल प्लेयर बन सकता है।
- शेयर में लंबी छलांग।
- उम्मीद: 350-400 रुपये।
आपके लिए कुछ टिप्स
- लंबा सोचें: 5-10 साल का प्लान बनाएं।
- खबरें देखें: रिन्यूएबल एनर्जी की न्यूज पर नजर रखें।
- SIP करें: थोड़ा-थोड़ा पैसा लगाएं, जोखिम कम होगा।
- खुद रिसर्च करें: कंपनी के नतीजे चेक करें।
सुजलॉन शेयर प्राइस 2025 से 2035 तक
आखिरी बात
दोस्तों, सुजलॉन का शेयर प्राइस 2025 से 2035 तक कहां जाएगा, ये तो वक्त ही बताएगा। लेकिन अभी के हालात देखें तो 2025 में 60-88 रुपये, 2030 में 215-245 रुपये, और 2035 में 350-400 रुपये का अनुमान लगाया जा सकता है। ये कंपनी हवा से बिजली बनाती है, और आने वाला वक्त हरी-भरी ऊर्जा का है। तो क्या पता, ये शेयर आपकी उम्मीदों को हवा दे दे!
अगर आपको ये ब्लॉग पसंद आया, तो अपने दोस्तों के साथ शेयर करें। नीचे कमेंट में बताएं कि आप सुजलॉन के बारे में क्या सोचते हैं। कोई सवाल हो तो पूछिए, जवाब देने की कोशिश करूंगा!
डिस्क्लेमर: ये ब्लॉग सिर्फ जानकारी के लिए है। शेयर बाजार में पैसा लगाना जोखिम भरा है। निवेश से पहले अच्छे से सोचें और एक्सपर्ट से सलाह लें।